लेवता ही सब मिले हैं, देवता कोई न था

लेवता* ही सब मिले हैं, देवता** कोई न था
नाव डूबी जब भँवर में, नाखुदा कोई न था

दरमियां मज़बूरियाँ थीं, यूँ हमारे बारहा
कह सका ना हाय! उनको, बेवफ़ा कोई न था

दास्ताने इश्क़ मैं अब, क्या सुनाऊँ दोस्तो
हिज़्र के तन्हा सफ़र में, रास्ता कोई न था

फिर तो कुछ भी इस जहां में, मुझको ना अच्छा लगा
तू जो बेगाना हुआ तब, दूसरा कोई न था

मैं पता अपना ही यारब, थक गया हूँ पूछकर
इश्क़ में उतरा जो गहरे, फिर पता कोई न था
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*लेवता—स्वार्थी, कुछ भी वापस न लौटाने वाला, राक्षस, शैतान।
**देवता—देने वाला, ईश्वर।

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4 Comments

Khushbu

05-Oct-2022 03:51 PM

Nice

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Teena yadav

30-Sep-2022 08:33 PM

Nice 👌

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Gunjan Kamal

30-Sep-2022 10:03 AM

बहुत खूब

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